काहे को सताए
काहे को सताए, सजना बैरी
काहे को सताए
काहे को सताए, सजना बैरी
काहे को सताए
सांझ के ढलते साए
पंछी भी घर को आए
सांझ के ढलते साए
पंछी भी घर को आए
तू क्यूँ ना आए, सजना बैरी
काहे को सताए
काहे को सताए, सजना बैरी
काहे को सताए
नि धा गा म नि धा
धा नि सा गा नि म नि धा
सा गा म नि धा सा म नि सा रे गा धा
अंगना मेरा सूना सजना
तेरे बिना चुप है कंगना
बिरहा की अगन भी जलाए
तीर बैरी पवन भी चलाए
निर्मोही मोह जगाए
अँखियाँ है छलकी छलकी
साँस है ढलकी ढलकी
काहे याद आए, सजना बैरी
काहे को सताए
काहे को सताए, सजना बैरी
काहे को सताए
सजना बैरी, सजना बैरी
सजना बैरी, बैरी
काहे को सताए