[ Featuring Shahmeer Raza Khan ]
कौन जानता कल में हे क्या रखा
आज हे यहां तो कल कहाँ
किसी को पता न हे
जो तेरा हे तेरा वो हे एक घड़ी
क्यों हे यूँ खुद की पड़ी
कीमत हे सिर्फ आज की
दिल के अरमानो को जाने भी दो
जीवन के रंगो को आने भी दो
आज हे यहां पर कल कहाँ
किसी को पता न हे
आँख खुली तो नीमत ये
सांस चली तो नीमत ये
आज हे यहां पर कल कहाँ
किसी को पता न हो