[ Featuring Ashutosh Sharma ]
(कर्मा) (कर्मा) (कर्मा) (कर्मा)
अधर्म, अत्याचार
सर पे खून सवार
दुश कर्म का प्रचार
भोली भाली सरकार
नुकीला प्रहार है।
ये अंत की पुकार है। (अंत की पुकार है)
क्यूं बरसे है पानी लहू का
क्यूं हर इंसान है भूका
ये लड़ाई है जज्बातों की
ये लड़ाई है इंसफों की
लकीरों में कैद है आजादी (आजादी)
चारों तरफ मंज़र- ए- बर्बादी (बर्बादी)
घमंड बवंडर उठा है
देहलीज पर तेरी खड़ा है।
ये वक़्त है कर्मा चुका ने का
खाट पट की इजाजत नहीं है नहीं है नहीं है।
(कर्मा) (कर्मा) (कर्मा) (कर्मा)
नहीं है नहीं है नहीं है
King ki ये सारी
जो बंद की हैं flight
पर दारू कि बॉटल
को चलने दो
शहर में दंगे क्यों हो रहे है
क्यों हो रहा दंगा
हर गली में है पंगा
हैं सबके साफ
क्यों मेली है गंगा
देश है महान
बंद कर दी दुकान
पर सिटी का वो mall
और लोगो का चालान
हां चलने दो (चलने दो) (चलने दो)
सुन
वही सारे लोग और वही सारे लीडर हां
दिखते है शेर फिर बनते है गीदड़ हां
पता नहीं इनको की कोन है फीडर
पहले लेके वोट फिर बनते है चीटर क्यों ?
(कर्मा) (कर्मा) (कर्मा) (कर्मा)
(कर्मा) (कर्मा) (कर्मा) (कर्मा)