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Anjana Ankur Singh - Ek Sarzameen Lyrics



Anjana Ankur Singh - Ek Sarzameen Lyrics
Official




एक सरज़मीं ने जो ज़ेहर उगाया है
उसने उसी का गुलिस्ताँ जलाया है
चलाते है जो हैवानियत के कारखाने
उसने उन्ही के फरिश्तों को सुलाया हे

एक सरज़मीं ने जो ज़ेहर उगाया है
उसने उसी का गुलिस्ताँ जलाया है
चलाते है जो हैवानियत के कारखाने
उसने उन्ही के फरिश्तों को सुलाया हे
ना आ आ
ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना
ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना

फर्श पे बिखरी वह किताबें (वह किताबें)
खामोश पड़ी वह आवाज़ें
चिलाती है वह दीवारें
डर से दौड़ते वह बेचारे
ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना
ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना

ज़न्नत को नफरत है उनसे उनसे
जहन्नुम ने भी उन्हें ठुकराया है ठुकराया है
हर तडपती इंसानियत ने उनके लिए
बद दुआओ का कब्रिस्तान बनाया हे
मासूम की मय्यत जब उठि तोह
ममता भरे कलेजो ने खून बहाया है
मज़हब और मूलक की बात मत करना
आज शैतानो ने फरिश्तों को दफनाया है
ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना
ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना

नम आँखों में झलकते
बिखरे वह सफ़ेद कपडे
कफ़न से है जो लिपटे
दिल के कितने टुकड़े
एक सरज़मीं ने जो ज़ेहर उगाया है
उसने उसी का गुलिस्ताँ जलाया है
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एक सरज़मीं ने जो ज़ेहर उगाया है
उसने उसी का गुलिस्ताँ जलाया है
चलाते है जो हैवानियत के कारखाने
उसने उन्ही के फरिश्तों को सुलाया हे

एक सरज़मीं ने जो ज़ेहर उगाया है
उसने उसी का गुलिस्ताँ जलाया है
चलाते है जो हैवानियत के कारखाने
उसने उन्ही के फरिश्तों को सुलाया हे
ना आ आ
ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना
ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना

फर्श पे बिखरी वह किताबें (वह किताबें)
खामोश पड़ी वह आवाज़ें
चिलाती है वह दीवारें
डर से दौड़ते वह बेचारे
ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना
ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना

ज़न्नत को नफरत है उनसे उनसे
जहन्नुम ने भी उन्हें ठुकराया है ठुकराया है
हर तडपती इंसानियत ने उनके लिए
बद दुआओ का कब्रिस्तान बनाया हे
मासूम की मय्यत जब उठि तोह
ममता भरे कलेजो ने खून बहाया है
मज़हब और मूलक की बात मत करना
आज शैतानो ने फरिश्तों को दफनाया है
ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना
ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना ना

नम आँखों में झलकते
बिखरे वह सफ़ेद कपडे
कफ़न से है जो लिपटे
दिल के कितने टुकड़े
एक सरज़मीं ने जो ज़ेहर उगाया है
उसने उसी का गुलिस्ताँ जलाया है
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Writer: Shakir Rajavarsi
Copyright: Lyrics © Raleigh Music Publishing LLC




Anjana Ankur Singh - Ek Sarzameen Video
(Show video at the top of the page)


Performed By: Anjana Ankur Singh
Length: 4:08
Written by: Shakir Rajavarsi

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