हौले से धीमे से
मुझको बाहों में भर लो ना तुम
नर्म सी साँसों में
मुझको आहों में भर लो ना तुम
सुन ज़रा मेरे पास आ
अब बैठे हैं हम भी यहाँ
दिल के दरमियाँ बारिशें हैं, बारिशें हैं
तेरी ही बातों पे मैंने सज़ा ली है दुनिया यहाँ
दिल की दरमियाँ बारिशें हैं, बारिशें
अब तो आती है, बुलाती है
बिस्तर से यूँ गिराती है
कि सोउ में, बाहों में बस तेरी, हाँ
जब बारिशें बरसती हैं
पागल जैसे थिरकती है
तुम जैसी हो, बस वैसी ही रहो
अब तेरे बिना यहाँ मेरी साँसे जैसे बिना निन्दियाँ की रातें हैं तो
और तू ही मेरे दिल की रज़ा है तेरे बिना दिल भी ख़फा है तो
तेरी आँखों का काजल न फैले अब कभी भी
तुझे इतना प्यार दूँ, हाँ
तेरी खुशियों की खातिर
ये दुनिया मैं मेरी, एक पल में वार दूँ
अब बिखरी तेरी ये जुल्फो़ से आँखें तेरी जब दिखती हैं
दिखता है मुझे वो आसमान
कि खोलूँ पंख मैं मेरे उड़ जाऊं, खो जाऊं
मैं इस आसमान पतंगो की तरह, हाँ