नयी नहीं हैं ये बातें वही
फिर इस मोड़ पर हम मिले हैं
ना जाने अब मिलेंगे हम कभी
तो रुक जाओ एक पल यहाँ पे
ये नर्म चादरों की सिल्वटें
तुझे अभी बुला रही हैं
ना जाओ दूर इनसे ये कहे
ये सुकून कहाँ पे हैं हांसिल
दिल को मेरे ये है पता
कि मीलों का ये फ़ासला है
अलग आसमां भी है तो क्या
ये दिल ना माने
ये गाड़ियों की ऐसी दौड़ सा
तेरा भी दिल दौड़ता है
हाँ जा रहे हो दूर तुम तो क्या
मैं ही तो दिल का मुसाफ़िर
तो एक बार फिर तू हँस के ज़रा
देख ले मेरी इन आँखों में
मैं क़ैद कर लूँ हर वो पल तेरा
तेरी ये बातें जो हैं
तो और क्या है ये बातें बता
क्यूँ अब दिल भी ढलता नहीं ये ना हो तो
हु उ उ उ
हु उ उ उ
तुम उड़े जा रहे
ये आसमां में खिड़कियों से देख
तू पहाड़ों को यूँ छोटे से लगे
है कितने बड़े जो हों सामने
दूर जो हैं खड़े
उन्हें भी ये हमारी ज़िंदगी
यूँ तितलियों सी छोटी छोटी सी लगे
है कितनी बड़ी नहीं जानते
खाली घर तेरा
ये चाबियों की गूँज ऐसे
तुझे डरा रही तू डरना नहीं
मैं हूँ यहीं पर
अब अलग आसमान है
और है ज़मीं भी कुछ अलग सी
पर मिलोगे जब कभी तो देखना तभी
मैं कुछ अलग नहीं इ इ इ इ