आ आ आ आ आ आ आ आ
आज इस लम्हा करता हूँ वादा
तेरा खयाल मैं रखूँगा खुद से ज़्यादा
अब से हर लम्हा पेहला इरादा
तेरी मुस्कान की हिफाज़त सबसे ज्यादा
मेरे मेहबूब का काज़िद्द आया है
उसका फरमान पढ़ता हूँ
मैं ये ऐलान करता हूँ
ये ऐलान करता हूँ
मैं तुझपे मरता हूँ
तुझपे मरता हूँ
इक तेरे ही दरस का
इंतज़ार करता हूँ
इस इश्क़ का कोई रंग नहीं
कोई मोल नहीं कोई जंग नहीं
इक़रार नहीं इजहार नहीं
खुद्दार है बस बेज़ार नहीं
रब का तू नूर है
तेरा सजदा मैं
सरेआम करता हूँ
मैं ये ऐलान करता हूँ
ये ऐलान करता हूँ
मैं तुझपे मरता हूँ तुझपे मरता हूँ
मैं ये ऐलान करता हूँ
ये ऐलान करता हूँ
मैं तुझपे मरता हूँ
मैं तुझपे मरता हूँ
इक तेरे ही दरस का
इंतज़ार करता हूँ
इक तेरे ही दरस का
इंतज़ार करता हूँ