देख लू जो नज़र भरके
घाट के तुम रहो ना घर के
देख लू जो नज़र भरके
हो घाट के तुम रहो ना घर के
नशीले है नैना गुलाबी है डोरे
पिए है कभी तुमने ऐसे कटोरे
नशीले है नैना गुलाबी है डोरे
पिए है कभी तुमने ऐसे कटोरे
देख लू जो नज़र भरके
घाट के तुम रहो ना घर के
आ आ आ आ आ
यहा शायर भी आते रहते है
ओ मेरे चेहरे को चाँद कहते है
मीठा चेहरा होठ रसीले
दूर से तरसे छैल छबीले
खिड़की नीचे शाम सवेरे
हो खिड़की नीचे शाम सवेरे
करते है वो सौ सौ फेरे
सारी दुनिया है मुझपे दीवानी
मैं हू सारे दिलो की रानी
नशीले है नैना गुलाबी है डोरे
पिए है कभी तुमने ऐसे कटोरे
नशीले है नैना गुलाबी है डोरे
पिए है कभी तुमने ऐसे कटोरे
देख लू जो नज़र भरके
घाट के तुम रहो ना घर के
आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ
जिसको देखो वो आँहे भरता है
अरे जिसको देखो वो आँहे भरता है
ओ शहर का शहर मुझपे मरता है
मुझपे कितने देते है जान
कल तो चल गयी चौक मे च्छूरिया
ना मैं उसकी ना मैं इसकी
आ आ ना मैं उसकी ना मैं इसकी
सब ये सोचे मैं हू किसकी
एक तुम ही रहे अंजाने
मुझको तुम ही नही पहचाने
नशीले है नैना गुलाबी है डोरे
पिए है कभी तुमने ऐसे कटोरे
नशीले है नैना गुलाबी है डोरे
पिए है कभी तुमने ऐसे कटोरे
देख लू जो नज़र भरके
घाट के तुम रहो ना घर के
ओ देख लू जो नज़र भरके
घाट के तुम रहो ना घर के