मेरे भैया, मेरे चंदा, मेरे अनमोल रतन
तेरे बदले मैं जमाने की कोई चीज़ ना लूँ
मेरे भैया, मेरे चंदा, मेरे अनमोल रतन
तेरे बदले मैं जमाने की कोई चीज़ ना लूँ
तेरी साँसोँ की कसम खा के, हवा चलती है
तेरे चेहरे की झलक पा के बहार आती है
एक पल भी मेरी नज़रों से जो तू ओझल हो
हर तरफ मेरी नज़र तुझको पुकार आती है
मेरे भैया, मेरे चंदा, मेरे अनमोल रतन
तेरे बदले मैं जमाने की कोई चीज़ ना लूँ
मेरे भैया, मेरे चंदा, मेरे अनमोल रतन
तेरे बदले मैं जमाने की कोई चीज़ ना लूँ
तेरे सेहरे की महकती हुई लड़ियों के लिए
अनगिनत फूल उम्मीदों के चुने हैं मैंने
वो भी दिन आये कि उन ख्वाबों के ताबीर मिले
तेरी खातिर जो हसीं ख्वाब बुने हैं मैंने
मेरे भैया, मेरे चंदा, मेरे अनमोल रतन
तेरे बदले मैं जमाने की कोई चीज़ ना लूँ
मेरे भैया, मेरे चंदा, मेरे अनमोल रतन
तेरे बदले मैं जमाने की कोई चीज़ ना लूँ
मेरे भैया