मेरी जान तुम पे सदक़े
एहसान इतना कर दो
मेरी जान तुम पे सदक़े
एहसान इतना कर दो
मेरी ज़िंदगी में अपनी
चाहत का रंग भर दो
मेरी जान तुम पे सदक़े
एहसान इतना कर दो
मेरी हर ख़्हुशी अधूरी
मेरा हर सिंगार फीका
बिना प्यार के न भाये
मुझे चाँद का भी टीका
मुझे प्यार से सजा कर
एहसान इतना कर दो
मेरी ज़िंदगी में अपनी
चाहत का रंग भर दो
मेरी जान तुम पे सदक़े
एहसान इतना कर दो
मैं हवा का रुख़्ह बदल दूँ
मिले प्यार जो तुम्हारा
जहाँ डूब कर मैं देखूँ
हो उसी जगह किनारा
मुझे तुम गले लगाके
एहसान इतना कर दो
मेरी ज़िंदगी में अपनी
चाहत का रंग भर दो
मेरी जान तुम पे सदक़े
एहसान इतना कर दो