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Bhupinder Singh - Yaad Hai Pancham Lyrics



Bhupinder Singh - Yaad Hai Pancham Lyrics
Official




[ Featuring Mitali Singh ]

याद है बारीशों का दिन पंचम
याद है जब पहाड़ी के नीचे वादी में
ढूँढ से झाँक कर निकलती हुई
रेल की पटरियाँ गुज़रती थी
ढूँढ में ऐसे लग रहे थे हम
जैसे दो पौधे पास बैठे हो
हम बहुत देर तक वहाँ बैठे
उस मुसाफिर का ज़िक्र करते रहे
जिसको आना था पिछले शब लेकिन
जिसके औमाड़ का वक़्त टलता रहा
Train आई ना उसका वक़्त हुआ
और तुम यूँ ही दो कदम चलकर
ढूँढ पर पाँव रख के चल भी दिए
मैं अकेला हूँ ढूँढ में पंचम
मैं अकेला हूँ ढूँढ में पंचम

याद है बारीशों का दिन पंचम
जब पहाड़ी के नीचे वादी में
ढूँढ से झाँक कर निकलती हुई
रेल की पटरियाँ गुज़रती थी

ढूँढ में ऐसे लग रहे थे हम
जैसे दो पौधे पास बैठे हो

और मेरे हर खत में लिपटे
रात पड़ी हैं रात उजालो
मेरा मुसाफिर हुम्म मेरे मुसाफिर

हम बहुत देर तक वहाँ बैठे
उस मुसाफिर का ज़िक्र करते रहे
जिसको आना था पिछले शब लेकिन
जिसके औमाड़ का वक़्त टलता रहा
देर तक पटरियों पर बैठे हूए
रेल का इंतज़ार करते रहे
रेल आई ना उसका वक़्त हुआ
और तुम यूँ ही दो कदम चलकर
ढूँढ पर पाँव रख के चल भी दिए

मैं अकेला हूँ ढूँढ में पंचम
मैं अकेला हूँ ढूँढ में पंचम
मैं अकेला हूँ ढूँढ में पंचम
मैं अकेला हूँ ढूँढ में पंचम
मैं अकेला हूँ ढूँढ में पंचम(मैं अकेला हूँ ढूँढ में पंचम)
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याद है बारीशों का दिन पंचम
याद है जब पहाड़ी के नीचे वादी में
ढूँढ से झाँक कर निकलती हुई
रेल की पटरियाँ गुज़रती थी
ढूँढ में ऐसे लग रहे थे हम
जैसे दो पौधे पास बैठे हो
हम बहुत देर तक वहाँ बैठे
उस मुसाफिर का ज़िक्र करते रहे
जिसको आना था पिछले शब लेकिन
जिसके औमाड़ का वक़्त टलता रहा
Train आई ना उसका वक़्त हुआ
और तुम यूँ ही दो कदम चलकर
ढूँढ पर पाँव रख के चल भी दिए
मैं अकेला हूँ ढूँढ में पंचम
मैं अकेला हूँ ढूँढ में पंचम

याद है बारीशों का दिन पंचम
जब पहाड़ी के नीचे वादी में
ढूँढ से झाँक कर निकलती हुई
रेल की पटरियाँ गुज़रती थी

ढूँढ में ऐसे लग रहे थे हम
जैसे दो पौधे पास बैठे हो

और मेरे हर खत में लिपटे
रात पड़ी हैं रात उजालो
मेरा मुसाफिर हुम्म मेरे मुसाफिर

हम बहुत देर तक वहाँ बैठे
उस मुसाफिर का ज़िक्र करते रहे
जिसको आना था पिछले शब लेकिन
जिसके औमाड़ का वक़्त टलता रहा
देर तक पटरियों पर बैठे हूए
रेल का इंतज़ार करते रहे
रेल आई ना उसका वक़्त हुआ
और तुम यूँ ही दो कदम चलकर
ढूँढ पर पाँव रख के चल भी दिए

मैं अकेला हूँ ढूँढ में पंचम
मैं अकेला हूँ ढूँढ में पंचम
मैं अकेला हूँ ढूँढ में पंचम
मैं अकेला हूँ ढूँढ में पंचम
मैं अकेला हूँ ढूँढ में पंचम(मैं अकेला हूँ ढूँढ में पंचम)
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Writer: SINGH BHUPINDER (GB - CNTRY), SINGH MITALI
Copyright: Lyrics © Royalty Network




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