गुरु के चरनन की, रज लेके
दो नैनन में, अंजन दिया
आह आ आ आ आ
मन माहीं उजियार हुआ
जब निरंकार को देख लिया
ओ बिरहिनी मंदिर दियना बार
ओ बिरहिनी मंदिर दियना बार
बिन बाती बिन तेल जुगत से
बिन बाती बिन तेल जुगत से बिन दीपक उजियार
बिन दीपक उजियार
प्रानपिया
प्रानपिया तेरे घर आए प्रेम की सेज संवार बिरहिनि
हो बिरहिनि मंदिर दीयाना बार
ज्योत से ज्योत मिलावन आए
ज्योत से ज्योत मिलावन आए
पिया निरगुन निरंकार
पिया निरगुन निरंकार
गाओ री मिल आनंद मंगल
गाओ री मिल आनंद मंगल
चहु दिश हो उजियार बिरहिनी ओ बिरहिनी
मंदिर दियना बार
मंदिर दियना बार