तुम जो एक पल को मुड़ जाते
क्या पता रस्ते जुड़ जाते
सारे सपने यूँ ही धुल गए
सोच के तुमको नैना रुल गए
थोड़ी बातें थोड़े शिकवे थोड़ी गुफ़्तगू है है है
अब बस मैं हूँ मेरी यादें और ये जुस्तजू है है है
बस तू है, हाँ तू है (बस तू है, हाँ तू है)
और सियाही सी तन्हाई बस तू है (और सियाही सी तन्हाई बस तू है)
बस तू है हाँ तू है (बस तू है, हाँ तू है)
और सियाही सी तन्हाई बस तू है (और सियाही सी तन्हाई बस तू है)
तुम जो एक पल को मुड़ जाते
पंख बिना दोनों उड़ जाते
कुछ भी ना बोले बस तुम गए
ढूँढने में तुमको हम ही गुम गए (ढूँढने में तुमको हम ही गुम गए)
अब तो इक पल हँस दूँ (अब तो इक पल हँस दूँ)
और अगले ही पल रो लूँ (और अगले ही पल रो लूँ)
तू कहाँ है, कहना चाहूँ (तू कहाँ है, कहना चाहूँ)
तो भी बोलो किससे मैं बोलूँ (तो भी बोलो किससे मैं बोलूँ)
तू कहाँ है (तू कहाँ है)
बस तू है हाँ तू है (बस तू है, हाँ तू है)
और सियाही सी तन्हाई बस तू है (और सियाही सी तन्हाई बस तू है)
बस तू है हाँ तू है (बस तू है, हाँ तू है)
और सियाही सी तन्हाई बस तू है (और सियाही सी तन्हाई बस तू है)
बस तू है लम्बी रातें
कोरे दिन हैं, हम तो आधे
तेरे बिन है, हाँ सूनी आँखें हाँ सूनी आँखें
अब भी ताकें अब भी ताकें, तू कहाँ है (तू कहाँ है)
बस तू है हाँ तू है
और सियाही सी तन्हाई बस तू है
हा तू है तू है
और सियाही सी तन्हाई बस तू है
ह्म ह्म ह्म बस तू है ह्म ह्म ह्म बस तू है