[ Featuring Kavyaa Soni ]
रुक जाना नहीं तू कहीं हार के
काँटों पे चलके मिलेंगे साये बहार के
रुक जाना नहीं तू कहीं हार के
काँटों पे चलके मिलेंगे साये बहार के
ओ राही ओ राही
ओ राही ओ राही
ओ राही ओ राही
ओ राही ओ राही
हा हा हा हा हा हा
सूरज देख रुक गया है
तेरे आगे झुक गया है
सूरज देख रुक गया है
तेरे आगे झुक गया है
जब कभी ऐसे कोई मस्ताना
निकले है अपनी धुन में दीवाना
शाम सुहानी बन जाते हैं दिन इंतज़ार के
ओ राही ओ राही
ओ राही ओ राही
हा हा हा हा हा हा
साथी न कारवां है ये तेरा इम्तिहाँ है
साथी न कारवां है ये तेरा इम्तिहाँ है
यूं ही चला चल दिल के सहारे
करती है मंझिल तुझको इशारे
देख कहीं कोई रोक नहीं ले तुझको पुकार के
ओ राही ओ राही
ओ राही ओ राही
ओ राही ओ राही
ओ राही ओ राही