[ Featuring Usha Uthup ]
है तो है
कुछ यंहा
कुछ राज़ है
कुछ राज़
आए हहा
पा राम पा रा पा रा पा रा पा रा पा रा
पा राम पा रा पा रा पा रा पा रा पा रा
हाह हाह हाह है तो है कुछ यंहा
बीते कल का समा
थक कर क्यों है रुका
खुलने दो ये पर्दा
कुछ राज़ है
जो खमोश है
वक़्त के साज पे
ठहर जाएँगे
कुछ राज़ है
रात भले जितनी लम्बी चले
आएगी एक रोज सुबह
खुल जयेगा
राज़ से पर्दा
रोशन होगी हर जगह
कुछ चेहरे है
अंधेरों में छुप छुप के
कुछ चेहरे है नकाबों में ढल के
परछाई के पर खुदाई के परे
एक रौशनी वो आएगी ये बताने
जो राज़ है
जो राज़ है
जो राज़ है