गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चले
गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चले
चले भी आओ के गुलशन का कार-ओ-बार चले
गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चले
क़फ़स उदास है यारो सबा से कुछ तो कहो
क़फ़स उदास है यारो सबा से कुछ तो कहो
कहीं तो बहर-ए-ख़ुदा आज ज़िक्र-ए-यार चले
गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चले
जो हम पे गुज़री सो गुज़री मगर शब-ए-हिज्राँ
जो हम पे गुज़री सो गुज़री मगर शब-ए-हिज्राँ
हमारे अश्क तेरी आकबत सँवर चले
गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चले
मकाम 'फ़ैज़' कोई राह में जँचा ही नहीं
मकाम 'फ़ैज़' कोई राह में जँचा ही नहीं
जो कू-ए-यार से निकले तो सू-ए-दार चले
गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चले
गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चले
चले भी आओ के गुलशन का कार-ओ-बार चले
गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चले