ये आईने से अकेले
में गुफ्तगू क्या है
ये आईने से अकेले
में गुफ्तगू क्या है
जो मैं नहीं तो
फिर तेरी रूबरू क्या है
ये आईने से अकेले
में गुफ्तगू क्या है
इसी उम्मीद पे काटी
है ज़िंदगी मैंने
इसी उम्मीद पे काटी
है ज़िंदगी मैंने
वो काश पूछते
मुझसे की आरजू क्या है
वो काश पूछते
मुझसे की आरजू क्या है
जो मैं नहीं हु तो
फिर तेरी रूबरू क्या है
वे रंगे गुल ये सफ़कल और
ये ताबिशे से अंजुम
वे रंगे गुल ये सफ़कल और
ये ताबिशे से अंजुम
तेरा जमाल नहीं है
तो चारसू क्या है
तेरा जमाल नहीं है
तो चारसू क्या है
जो मैं नहीं हु तो
फिर तेरी रूबरू क्या है
ये आईने से अकेले
मे गुफ्तगू क्या है
क्यों उनके सामने तुम
दिल की बात करते हो
क्यों उनके सामने तुम
दिल की बात करते हो
जो खुद समझते नहीं
दिल की आबरू क्या है
जो खुद समझते नहीं
दिल की आबरू क्या है
जो मैं नहीं तो
फिर तेरी रूबरू क्या है
ये आईने से अकेले
मे गुफ्तगू क्या है
गुफ्तगू क्या है, गुफ्तगू क्या है
ये आईने से अकेले
मे गुफ्तगू क्या है
है है है है