तेरे तन में पले सुकुमार नवेली
संभल संभल पग धरयो
तेरे तन में पले सुकुमार नवेली
संभल संभल पग धरयो
रानी संभल संभल
गोरी संभल संभल
तन कोमल उसपे ये धार नवेली
संभल संभल पग धरयो
ओह ओ ओ ओ ओह ओ ओ ओ
आएगा अँगना चाँद सा
ललना चाँद सा ललना
नानी घड़ायेगी चन्दन का पलना
चन्दन का पलना
तोहे भेत अशिश हज़ार नेवेली
संभल संभल पग धरयो
तेरे तन में पलि सुकुमार नवेली
संभल संभल पग धरयो
हल फूलवा और मिथ मिठायीं
ओर मिथ मिठायीं
भर भर खा भावज
तेरी लायी
बधाई बधाई
रानी आचल तनिक पसार नेवेली
संभल संभल पग धरयो
तेरे तन में पलि सुकुमार नवेली
संभल संभल पग धरयो