[ Featuring Arun Kamath ]
शुलगा सा मैं रुआं रुआं
नफ़रत मेरी धुआँ धुआँ
जो बह गयी तू जहाँ जहाँ
आयुगा मैं वहाँ वहाँ
ऐसे कैसे छोड़ू
तुझको वैसे तोड़ूं
जैसे तूने बेदर्दी मुझको
सुन्न ले अत्याचारी
अब है मेरी बारी
तू है तितली
तेज़बों में घोलूं तुझको
हन हन मैं सनकी रे
हन हन मैं सनकी रे
सनकी, मैं सनकी रे
मैं तो हूँ सनकी रे
ऐसे दुनिआ करे सतानिआ
क्यों मुझको घायल कर दिआ
रेशम की तू जो डोर हैं
अंदर से तू कठोर हैं
मसिने शी सितम तेरे
चुम्मे भट कदम तेरे
मैं था रक्षक सुनले
अब हूँ भक्षक सुन्न ले
तेरे मिटने के मंसूबे सोचूँगा
रोने भी ना दूँगा
सोने भी ना दूँगा
कहंज़ार से तेरी
नींदों के पर मैं नोचूँगा
हन हन मैं सनकी रे
हन हन मैं सनकी रे
सनकी, मैं सनकी रे
मैं तो हूँ सनकी रे