Back to Top

Milne Ka Bahaana Video (MV)




Performed By: Imaad Shah
Featuring: Samar Grewal
Length: 4:54
Written by: Imaad Shah, Samar Grewal




Imaad Shah - Milne Ka Bahaana Lyrics
Official




[ Featuring Samar Grewal ]

क्या है ये गर्मियां तेरे मेरे दरमियान
ये दुनिया बस घूमती रहे
गरम हवाओं में झूमती रहे
कल ने कहा तू करले बराबर
ना सुन किसी की ना mother ना father
Fast train है तू रुकेगी सीढ़ी दादर हाँ में
हाँ मिलाके क्या मिला वहां को जाके

क्या है ये दूरियां, पर क्या है ये कहाँ अधूरी, हाँ
इस दुनिया में है बस चार ओर
फिर भी रहती है सीधी कुछ तोह है जो
क्यूँ छोड़ आयी हो अधूरी कहानी
तुम हो सूखी धरती पे जैसे पानी
है ये सुख या धानी,
दूर से पास आये तेरे गाने गाये
हाँ है ये मौसम सुहाना,
बस ढूंढ ले कोई मिलने का बहाना
बरसात की रातों में रुई से बादल हो गया
अकेलापन अब मेरे साथ चल

क्या है ये ठंडी हवा
ना काम करती है दारू दवा
सीधा साधा सा है ये बयान
आसमान की तरफ बढ़ता तापमान
पर अब कुछ बदल गयी है फ़िज़ा
सर्दी से गर्मी से सावन से खिज़ा
है ये तोहफा या सजा
इन नमी की रातों में है पहेली ये बातों में
हाँ है ये मौसम सुहाना
बस ढूंढ ले कोई मिलने का बहाना
बरसात की रातों में रुई से बादल हो गया
अकेलापन अब मेरे साथ चल
[ Correct these Lyrics ]

[ Correct these Lyrics ]

We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.


We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.




क्या है ये गर्मियां तेरे मेरे दरमियान
ये दुनिया बस घूमती रहे
गरम हवाओं में झूमती रहे
कल ने कहा तू करले बराबर
ना सुन किसी की ना mother ना father
Fast train है तू रुकेगी सीढ़ी दादर हाँ में
हाँ मिलाके क्या मिला वहां को जाके

क्या है ये दूरियां, पर क्या है ये कहाँ अधूरी, हाँ
इस दुनिया में है बस चार ओर
फिर भी रहती है सीधी कुछ तोह है जो
क्यूँ छोड़ आयी हो अधूरी कहानी
तुम हो सूखी धरती पे जैसे पानी
है ये सुख या धानी,
दूर से पास आये तेरे गाने गाये
हाँ है ये मौसम सुहाना,
बस ढूंढ ले कोई मिलने का बहाना
बरसात की रातों में रुई से बादल हो गया
अकेलापन अब मेरे साथ चल

क्या है ये ठंडी हवा
ना काम करती है दारू दवा
सीधा साधा सा है ये बयान
आसमान की तरफ बढ़ता तापमान
पर अब कुछ बदल गयी है फ़िज़ा
सर्दी से गर्मी से सावन से खिज़ा
है ये तोहफा या सजा
इन नमी की रातों में है पहेली ये बातों में
हाँ है ये मौसम सुहाना
बस ढूंढ ले कोई मिलने का बहाना
बरसात की रातों में रुई से बादल हो गया
अकेलापन अब मेरे साथ चल
[ Correct these Lyrics ]
Writer: Imaad Shah, Samar Grewal
Copyright: Lyrics © Phonographic Digital Limited (PDL)

Back to: Imaad Shah

Tags:
No tags yet