ओ ओ ओ हे हे हे हे
हे हे हे हे ओ ओ ओ हे हे हे हे
रास्ता मेरा चलता रहा
कोई नज़र न आया फिर मुझे
याद तो मुझे आता रहा
मेरा दर्द समझ न आया क्यों तुझे
तेरी गलियों से फिरता रहता हूँ शाम - सबेरे
मान कर तू दिख जाये फिर वह
टूटे टुकड़े लेकर दिल के
आरहा हुन में मिलने
तोडा मेरा दिल क्यों बता
रास्ता मेरा चलता रहा
कोई नज़र न आया फिर मुझे
याद तो मुझे आता रहा
मेरा दर्द समझ न आया क्यों तुझे
मिल गयी तेरी पनाह
तेरी सोहबतें लगे है खुशनुमा
पा लिया है जैसे जहा
मुक्कम्मल हुवा ये आशिया
पूरी हो चुकी है हर वो मिन्नतें रहनुमा
खोना तू नहीं बस यहाँ
कैसे बयां करू में तुमसे प्यार मेरा है क्या
तुझपे क़ुर्बा करदु मेरी जान
रास्ता मेरा चलता रहा
कोई नज़र न आया फिर मुझे
याद तो मुझे आता रहा
मेरा दर्द समझ न आया क्यों तुझे
क्या करू में तेरे बिना
हर लम्हा अब लगेहे बेवजह
बिखरे है सभी जगह
मेरे आरज़ू कुछ अधूरे तेरे निशा
ठहरा ठहरा तेरा अक्श
जो चुकार मुझको गुज़रा
जी लिया ज़िन्दगी ये रहबरा
मांगू रब से यही दुआ है तू खुश रहे सदा
चाहे हो जाऊं में फिर फनाह
रास्ता मेरा चलता रहा
कोई नज़र न आया फिर मुझे
याद तो मुझे आता रहा
मेरा दर्द समझ न आया क्यों तुझे
हे हे हे हे ओ ओ ओ हे हे हे हे
हे हे हे हे ओ ओ ओ हे हे हे हे