Back to Top

Kashmir - Soch Lyrics



Kashmir - Soch Lyrics
Official




यह दरया और नदी भी मिलते हैं कहीं
पर रूह जो मेरी माने अक़ल कहती है नही
खामोशियों में भी अक्सर हैं बातें छुपी
पर यह तो वो ही जाने
जो कुछ भी कहता नही

सोच सोच के थक गया हूँ मैं खोने दो मुझे ओ हो
सोच सोच के थक गया हूँ मैं सोने दो मुझे

यह दरया और नदी भी मिलते हैं कहीं
पर रूह जो मेरी माने अक़ल कहती है नही
यह आबर और घटा बरस जाए गी कहीं
जब होगी रोशनी तो होगी जन्नत वहीं

सोच सोच के थक गया हूँ मैं खोने दो मुझे ओ हो
सोच सोच के थक गया हूँ मैं सोने दो मुझे

खोने दो
खोने दो
खोने दो

खोने दो मुझे
खोने दो मुझे
सोने दो

सोच सोच के थक गया हूँ मैं सोने दो मुझे
[ Correct these Lyrics ]

[ Correct these Lyrics ]

We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.


We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.




यह दरया और नदी भी मिलते हैं कहीं
पर रूह जो मेरी माने अक़ल कहती है नही
खामोशियों में भी अक्सर हैं बातें छुपी
पर यह तो वो ही जाने
जो कुछ भी कहता नही

सोच सोच के थक गया हूँ मैं खोने दो मुझे ओ हो
सोच सोच के थक गया हूँ मैं सोने दो मुझे

यह दरया और नदी भी मिलते हैं कहीं
पर रूह जो मेरी माने अक़ल कहती है नही
यह आबर और घटा बरस जाए गी कहीं
जब होगी रोशनी तो होगी जन्नत वहीं

सोच सोच के थक गया हूँ मैं खोने दो मुझे ओ हो
सोच सोच के थक गया हूँ मैं सोने दो मुझे

खोने दो
खोने दो
खोने दो

खोने दो मुझे
खोने दो मुझे
सोने दो

सोच सोच के थक गया हूँ मैं सोने दो मुझे
[ Correct these Lyrics ]
Writer: Ali Raza, Bilal Ali, Shane J. Anthony, Usman Siddiqui, Vais Khan, Zair Zaki
Copyright: Lyrics © TuneCore Inc., O/B/O DistroKid

Back to: Kashmir



Kashmir - Soch Video
(Show video at the top of the page)

Tags:
No tags yet