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Khoj - Fizaa Lyrics



Khoj - Fizaa Lyrics
Official




इन फ़िज़ाओं से मेरा कोई
गहरा है वास्ता

वास्ता वास्ता

कहती मुझसे है यही
तेरा आसमान और ज़मीन
अपने दिल की हर फरमाहिश को
खुलके तू यूँ आज़मा
इस पिंजरे की कैद में
खुद को यूँ न फसा हां
कहती है ये फ़िज़ा
है तेरी ज़मीं आसमां
खुद पर कर ले यकीन
मेरे संग उड़ चल कहीं

इस सरगोशी में है छिपी
गज़ब की तेरी दास्ताँ
इक पंची की जो कभी
तूफ़ान से न झुका हा हा
कहती है ये फ़िज़ा
है तेरी ज़मीं है आस्मां
खुद पर कर ले यकीन
मेरे संग उड़ चल कहीं
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इन फ़िज़ाओं से मेरा कोई
गहरा है वास्ता

वास्ता वास्ता

कहती मुझसे है यही
तेरा आसमान और ज़मीन
अपने दिल की हर फरमाहिश को
खुलके तू यूँ आज़मा
इस पिंजरे की कैद में
खुद को यूँ न फसा हां
कहती है ये फ़िज़ा
है तेरी ज़मीं आसमां
खुद पर कर ले यकीन
मेरे संग उड़ चल कहीं

इस सरगोशी में है छिपी
गज़ब की तेरी दास्ताँ
इक पंची की जो कभी
तूफ़ान से न झुका हा हा
कहती है ये फ़िज़ा
है तेरी ज़मीं है आस्मां
खुद पर कर ले यकीन
मेरे संग उड़ चल कहीं
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Writer: Punit Vinod Garg
Copyright: Lyrics © O/B/O DistroKid

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Khoj - Fizaa Video
(Show video at the top of the page)


Performed By: Khoj
Length: 4:20
Written by: Punit Vinod Garg
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