ख्वाब ये परिंदे हैं
जो उड़ना चाहते हैं
फ़िज़ा के संग
आसमान में
जहां कोई बंधन हो
न कोई दीवारें हो
मीलों तक सिर्फ समंदर
जहां न कभी ढले सवेरा
जहां न कभी थमे ऊंचाइयां (थमे ऊंचाइयां)
चलो उड़ चलें आशियाँ तोड़कर तोड़कर
उस आसमान की तलाश में तलाश में
ज़िन्दगी का हर पल
हर लम्हा मुझे
महसूस करना है
महफूज़ रखना है
मेरी कब्र पर अफ़सोस का
नामो निशान
न हो न हो न हो
ख्वाब ये परिंदे हैं
जो उड़ना चाहते हैं
फ़िज़ा के संग आसमान में
जहां कोई बंधन हो
न कोई दीवारें हो
मीलों तक सिर्फ समंदर
जहां न कभी ढले सवेरा
जहां न कभी थमे ऊंचाइयां
चलो उड़ चलें आशियाँ तोड़कर
उस आसमान की तलाश में तलाश में