हा आ आ आ आ
आ आ आ आ आ
हा आ आ आ आ
आ आ आ आ आ
जागो सुन लो
फ़िज़ा की पुकार
मिलके तोड़ दें ज़ंजीरों को
खुद से हो जाएँ रिहा
उड़े इन उजालो में आसमानों में
होकर बेखबर बेफिक्र
जागो सुन लो
मिट्टी की पुकार
सींचे अपने खून पसीने से
एक बेहतर कल की फसल
तपती हुई थकी हुई ज़मीन पर
खिलें फिर से इरादें
पतझड़ की रुत भी बदलेगी
मिटेगा खौफ का ये अँधेरा
इक दिन बदलेगा नजरिया
इक दिन लौटेगा सवेरा
जागो सुन लो
फ़िज़ा की पुकार
मिलके तोड़ दें ज़ंजीरों को
खुद से हो जाएँ रिहा
उड़े इन उजालो में आसमानों में
छू लें हर शिखर
जागो