मेरा जीवन
मेरा जीवन कुछ काम ना आया
जैसे सूखे पेड़ की छाया
मेरा जीवन कुछ काम ना आया
जैसे सूखे पेड़ की छाया
जैसे सूखे पेड़ की छाया
ओ ओ, अपनों के होते हुए
तन में बसीं तन्हाई
हो ओ ओ, आंसू बना के ख़ुशी
आँखों से मैंने बरसाई
हो ओ ओ, खुशियों को रोते रोते
दुनिया में अब तो मेरा जी घबराया
मेरा जीवन कुछ काम ना आया
जैसे सूखे पेड़ की छाया
जैसे सूखे पेड़ की छाया
हो ओ, बरस गए रे सावन
दरिया भी जोश में आये
हो ओ ओ, फूल भी खिलने लगे
कलियों के मन मुस्काए
हो ओ ओ, सूनी रही एक डाली
उस पे तो कोई अब तक फूल ना आया
मेरा जीवन कुछ काम ना आया
जैसे सूखे पेड़ की छाया
जैसे सूखे पेड़ की छाया
हो ओ, जीने को जीना चाहें
मांगूं तो मौत ना आये
हो ओ ओ,साँसों के चलने को तो
जीवन कहा नहीं जाए
हो ओ ओ, दर्द बसा के दिल में
मेरा नसीब मुझको कहाँ पे लाया
मेरा जीवन कुछ काम ना आया
जैसे सूखे पेड़ की छाया
मेरा जीवन कुछ काम ना आया
जैसे सूखे पेड़ की छाया
जैसे सूखे पेड़ की छाया