पंथी हूँ मैं उस पथ का
अंत नहीं जिसका
आस मेरी है जिसकी दिशा
आधार मेरे मन का
पंथी हूँ मैं उस पथ का
जिस पथ पर देखे कितने
सुख दुःख के मेले
फूल चुने कभी खुशियों के
फूल चुने कभी खुशियों के
कभी काँटों से खेले
जाने कब तक चलना है
मुझे इस जीवन के साथ
पंथी हूँ मैं उस पथ का
संगी साथी मेरे
अंधियारे उजियारे
मुझको राह दिखाये
पलछिन के फुलझारे
पथिक मेरे पथ के सब तारे
और नीला आकाश
पंथी हूँ मैं उस पथ का
अंत नहीं जिसका
आस मेरी है जिसकी दिशा
आधार मेरे मन का
पंथी हूँ मैं उस पथ का