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Kishore Kumar - Ruk Jana Nahin [2] Lyrics



Kishore Kumar - Ruk Jana Nahin [2] Lyrics
Official




आ आ आ आ आ आ आ

रुक जाना नहीं तू कहीं हार के
काँटों पे चलके मिलेंगे साये बहार के
रुक जाना नहीं तू कहीं हार के
काँटों पे चलके मिलेंगे साये बहार के
ओ राही ओ राही
ओ राही ओ राही
ओ राही ओ राही
ओ राही ओ राही

आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ

सूरज देख रुक गया है
तेरे आगे झुक गया है
सूरज देख रुक गया है
तेरे आगे झुक गया है
जब कभी ऐसे कोई मस्ताना
निकले है अपनी धुन में दीवाना
शाम सुहानी बन जाते हैं
दिन इंतज़ार के
ओ राही ओ राही
ओ राही ओ राही
रुक जाना नहीं तू कहीं हार के
काँटों पे चलके मिलेंगे साये बहार के
ओ राही ओ राही
ओ राही ओ राही
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आ आ आ आ आ आ आ

रुक जाना नहीं तू कहीं हार के
काँटों पे चलके मिलेंगे साये बहार के
रुक जाना नहीं तू कहीं हार के
काँटों पे चलके मिलेंगे साये बहार के
ओ राही ओ राही
ओ राही ओ राही
ओ राही ओ राही
ओ राही ओ राही

आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ

सूरज देख रुक गया है
तेरे आगे झुक गया है
सूरज देख रुक गया है
तेरे आगे झुक गया है
जब कभी ऐसे कोई मस्ताना
निकले है अपनी धुन में दीवाना
शाम सुहानी बन जाते हैं
दिन इंतज़ार के
ओ राही ओ राही
ओ राही ओ राही
रुक जाना नहीं तू कहीं हार के
काँटों पे चलके मिलेंगे साये बहार के
ओ राही ओ राही
ओ राही ओ राही
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Writer: LAXMIKANT PYARELAL, MAJROOH SULTANPURI
Copyright: Lyrics © Royalty Network

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Kishore Kumar - Ruk Jana Nahin [2] Video
(Show video at the top of the page)


Performed By: Kishore Kumar
Length: 2:54
Written by: LAXMIKANT PYARELAL, MAJROOH SULTANPURI
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