बात ये अनोखी मेरे मीत हो गयी
रात दिन धड़कना दिल की रीत हो गयी
हो रामा काहे रे मोहे प्रीत हो गयी
हो रामा काहे रे मोहे प्रीत हो गयी
लाज़ का पहरा मैने हो मन के द्वार बिठाया
इस घूँघट में ऐसे हो मुखड़ा लाख छुपाया
हाय रे मर्जानी निंदिया हो गयी चोरी
हो हार गयी मैं सैया तेरी जीत हो गयी
हो रामा काहे रे मोहे प्रीत हो गयी
तेरी नजरिया सजना हो मेरे सपनो की डोली
बैठ मै इस में चल दी तेरे संग हमजोली
रोके जग न मानु कारन मै न जानू
हो लोग कहते है मोहे प्रीत हो गयी
हो रामा काहे रे मोहे प्रीत हो गयी
हो रामा काहे रे मोहे काहे रे मोहे प्रीत हो गयी