(आ आ आ आ आ आ आ)
जैसे कही लहऱाके
पवन चंचल निकले
जैसे कही लहऱाके
पवन चंचल निकले
तोड़ कर हर ज़ंजीर
सितम हम पर निकले
बिन जाने बिन देखे
किसे हमराही कह दे
बिन जाने बिन देखे
किसे हमराही कह दे
दुनिया को ठुकराके
हम फेके हुए ाचल निकले
जैसे कही लहऱाके
पवन चंचल निकले
तोड़ कर हर ज़ंजीर
सितम हम पर निकले
(आ आ आ आ आ आ आ)वह कोई नहीं अपना
पीछे मुड़ कर क्या तकना
वह कोई नहीं अपना
पीछे मुड़ कर क्या तकना
चलते ही रहने की जब
बांध के हम पायल निकले
जैसे कही लहऱाके
पवन चंचल निकले
तोड़ कर हर ज़ंजीर
सितम हम पर निकले
आएगी कभी ऑय दिल
तेरी मनचाही कोई मंजिल
आएगी कभी ऑय दिल
तेरी मनचाही कोई मंजिल
हम भी तो इसी धुन में
आँखों में भरे
काजल में चले
जैसे कही लहऱाके
पवन चंचल निकले