काहे को मोरा बिछुआ बाजे रे
आँखों में बैरी कजरा साजे रे
बताओ ए हवाओ ए घटाओ बोलो न
काहे को मोरा बिछुआ बाजे रे
आँखों में बैरी कजरा साजे रे
बोल री कोयलिया बोल दे रे कागा
बोल री कोयलिया बोल दे रे कागा
कैसा ये प्रेम जागा कौन रोग लागा
बिंदिया भी चुप चुप झुमका भी चुप
हाँ बिंदिया भी चुप चुप झुमका भी चुप
जवानी में देखो कैसी परेशानी देखो न
काहे को मोरा बिछुआ बाजे रे
आँखों में बैरी कजरा साजे रे
आने लगे पलकों में मीठे मीठे सपने
कभी तो बेगाने आये कभी आये अपने
डोले मेरा अंग अंग बदला है रंग
हो ओ डोले मेरा अंग अंग बदला है रंग
है कैसी ये लगन ये अगन कहो न
काहे को मोरा बिछुआ बाजे रे
आँखों में बैरी कजरा साजे रे
मेरी पराछियाँ अब मुझको डराए रे
फूल तोड़ू बैरी काँटा चुभ जाए रे
बेठी बेठी खड़ी
हो ओ बेठी बेठी खड़ी खड़ी सोचु घड़ी घड़ी
ये रुत भी सुहानी क्यूँ बेगानी देखो ना
काहे को मोरा बिछुआ बाजे रे
आँखों में बैरी कजरा साजे रे