खुदा करे ओ जानेमन
खुदा करे ओ जानेमन
की तू कली गुलाब की, महक तेरे शबाब की
खिली रहे चमन चमन
खुदा करे ओ जानेमन
खुदा करे ओ जानेमन
की तू कली गुलाब की, महक तेरे शबाब की
खिली रहे चमन चमन
खुदा करे ओ जानेमन
ये तू हे ख्वाबे नाज़मी, की नगमा जैसे साज़ मे
ये तू हे ख्वाबे नाज़मी, की नगमा जैसे साज़ मे
हथेलियो से आ कमल खिला दे नाज़ के कमल
ये सुबह गुल की शान रहे
ये सुबह गुल की शान रहे
हँसी रहे जावा रहे, तेरी अदा का बाँकपन
खुदा करे ओ जानेमन
खुदा करे ओ जानेमन
घुला हैं रंग लहर मे, मची हैं धूम शहर मे
घुला हैं रंग लहर मे, मची हैं धूम शहर मे
की तू बही हैं कामिनी, नहा रही हैं दामिनी
यू ही फ़िज़ा हैं सुहानी मे
यू ही फ़िज़ा हैं सुहानी मे
लगाए आग पानी मे, ये आफताब सा बदन
खुदा करे ओ जानेमन
खुदा करे ओ जानेमन
ये रंग हैं शिंगार का, की रूप हे बहार का
ये रंग हैं शिंगार का, की रूप हे बहार का
इधर भी देख जाने जा, की मैं हू तेरा आईना
कभी तो राह भूल के
कभी तो राह भूल के
दिलो पे आए झूल के, तेरी ये जुल्फ की शिकन
खुदा करे ओ जानेमन
खुदा करे ओ जानेमन
की तू कली गुलाब की, महक तेरे शबाब की
खिली रहे चमन चमन
खुदा करे ओ जानेमन