मैं तुलसी तेरे आंगन की
मैं तुलसी तेरे आंगन की
कोई नहीं मैं कोई नहीं मैं
कोई नहीं मैं तेरे साजन की
मैं तुलसी तेरे आंगन की
कोई नहीं मैं कोई नहीं मैं
कोई नहीं मैं तेरे साजन की
मैं तुलसी तेरे आंगन की
मैं तुलसी
द्वार पड़े पड़े तरस गई
आज उमड़ कर बरस गई
द्वार पड़े पड़े तरस गई
आज उमड़ कर बरस गई
प्यासी बदली सावन की
मैं तुलसी तेरे आंगन की
मैं तुलसी
मांग तेरी सिन्दुर भी तेरा
सब कुछ तेरा कुछ नहीं मेरा
मांग तेरी सिन्दुर भी तेरा
सब कुछ तेरा कुछ नहीं मेरा
मोहे सौगन्ध तेरे अँसुअन की
मैं तुलसी तेरे आंगन की
मैं तुलसी
काहे को तू मुझसे जलती है
काहे को तू मुझसे जलती है
ए री मोहे तो तू लगती है
कोई सहेली बचपन की
मैं तुलसी तेरे आंगन की
कोई नहीं मैं कोई नहीं मैं
कोई नहीं मैं तेरे साजन की
मैं तुलसी तेरे आंगन की
मैं तुलसी तेरे आंगन की