फिर आँख से आँसू बरसे फिर छाई घटा घनघोर
लिखने वालो से काहदो लिखे एक कहानी ओर
फिर आँख से आँसू बरसे फिर छाई घटा घनघोर
लिखने वालो से काहदो लिखे एक कहानी ओर
ना किसी को तरस ही आया ना किसी को आई लाज़
लोगो ने हंसकर देखा फिर एक तमाशा आज
लो आसमान मे कट गयी लो आसमान मे कट गयी
फिर एक पतंग की डोर
लिखने वालो से काहदो लिखे एक कहानी ओर
फिर एक आँगन की छाँव बन गयी पर्वत की धूप
फिर एक गंगा की मौज ने बदला मदिरा का रूप
फिर एक पनघट की रानी
फिर एक पनघट की रानी चलती मरघट की और
लिखने वालो से काहदो लिखे एक कहानी ओर
कित्ते जाए उद कर पंछी जिसके ना पर ना बाल
ओर चारो तरफ शिकारी बैठे फैलाए जाल
इस चोरो की नगरी मे
इस चोरो की नगरी मे हर कोई रूप का चोर
लिखने वालो से काहदो लिखे एक कहानी ओर
फिर आँख से आँसू बरसे फिर छाई घटा घनघोर
लिखने वालो से काहदो लिखे एक कहानी ओर