प्रीतम मेरी दुनिया
में दो दिन तो रहे होते
प्रीतम मेरी दुनिया
में दो दिन तो रहे होते
हम प्रेम के सागर
में इक साथ बहे होते
प्रीतम मेरी दुनिया
में दो दिन तो रहे होते
प्रीतम मेरी दुनिया में
गर यूँ ही बिछडना था
हम से तुझे ओ जालीम
हम से तुझे ओ जालीम
आ आ आ आ
दो बोल मोहब्बत के
हम से न कहे होते
प्रीतम मेरी दुनिया में
बेदर्द अगर तुझको
ग़ैरों ही का होना था
ग़ैरों ही का होना था
आ आ आ
वादे वो वफाओं के
हम से न किये होते
प्रीतम मेरी दुनिया
में दो दिन तो रहे होते
हम प्रेम के सागर में
इक साथ बहे होते
प्रीतम मेरी दुनिया में