ख़ुशी तो क़ैद में है
ये कोई जीना भी जीना है
अरे ज़ालिम ज़माने
तू ने दिल का चैन छीना है
रोता है मेरा दिल
किसको पुकारूँ क्या करूँ
जीना भी है मुश्किल
किसको पुकारूँ क्या करूँ
किसको पुकारूँ क्या करूँ
क्या करूँ क्या करूँ
रोता है मेरा दिल
किसको पुकारूँ क्या करूँ
तक़दीर ने मुझको लूट लिया
और आस का सूरज डूब गया
और आस का सूरज डूब गया
तक़दीर ने मुझको लूट लिया
और आस का सूरज डूब गया
और आस का सूरज डूब गया
ये गम की घटाये ऐसी उठि
उम्मीद पे पानी फेर दिया
उम्मीद पे पानी फेर दिया
अब दूर हुई मंज़िल
किसको पुकारूँ क्या करूँ
ये फूल ख़ुशी के कांटे है
हम चुपके चुपके रोते है
चुपके चुपके रोते है
ऐ मौत गवाही देना तू
हम प्यार पे कुर्बान होते है
हम प्यार पे कुर्बान होते है
दुनिया है बड़ी कातिल
किसको पुकारूँ क्या करूँ
किसको पुकारूँ क्या करूँ
क्या करूँ क्या करूँ
रोता है मेरा दिल
किसको पुकारूँ क्या करूँ
मर जाए तो इतना कर देना
दो आँसू आके चढ़ा देना
दो आँसू आके चढ़ा देना
इस प्यार की उजड़ी बस्ती में
इक याद का दीप जला देना
इक याद का दीप जला देना
तुम हो ना सके हासिल
किसको पुकारूँ क्या करूँ
किसको पुकारूँ क्या करूँ
क्या करूँ क्या करूँ
रोता है मेरा दिल
किसको पुकारूँ क्या करूँ
रोता है मेरा दिल