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Shiv Aarti Video (MV)




Performed By: Lata Mangeshkar
Featuring:
Length: 5:27
Written by: CHANDRASHEKHAR SANEKAR, MEENA KHADIKAR
[Correct Info]



Lata Mangeshkar - Shiv Aarti Lyrics
Official




[ Featuring ]

ओम जय शिव ओंकारा स्वामी हर शिव ओंकारा
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव ब्रह्मा विष्णु सदाशिव
अर्धांगी धारा ओम जय शिव ओंकारा
एकानन चतुरानन पंचांनन राजे स्वामी पंचांनन राजे
हंसानन गरुड़ासन हंसानन गरुड़ासन
वृषवाहन साजे ओम जय शिव ओंकारा
दो भुज चारु चतुर्भज दश भुज से सोहें स्वामी दश भुज से सोहें
तीनों रूप निरथते तीनों रूप निरथते
त्रिभुवन जन मोहें ओम जय शिव ओंकारा
अक्षमाला बनमाला मुंडमालाधारी स्वामी मुंडमालाधारी
चंदन मृदमग सोहें चंदन मृदमग सोहें
भाले शशिधारी ओम जय शिव ओंकारा
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघाम्बर अंगें स्वामी बाघाम्बर अंगें
सनकादिक ब्रह्मादिक सनकादिक ब्रह्मादिक
भूतादिक संगें ओम जय शिव ओंकारा
कर मे श्रेष्ठ कमड़ंल चक्र त्रिशूल धरता स्वामी चक्र त्रिशूल धरता
जगकर्ता जगहर्ता जगकर्ता जगहर्ता
जगपालनकर्ता ओम जय शिव ओंकारा
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका स्वामी जानत अविवेका
प्रणवाक्षर मे शोभित प्रणवाक्षर मे शोभित
ये तीनों एका ओम जय शिव ओंकारा
निरगुण शिवज की आरती जो कोई नर गावें स्वामी जो कोई नर गावें
कहत शिवानंद स्वामी कहत शिवानंद स्वामी
मनवांछित फल पावें ओम जय शिव ओंकारा
ओम जय शिव ओंकारा प्रभू हर शिव ओंकारा
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव ब्रह्मा विष्णु सदाशिव
अर्धांगी धारा ओम जय शिव ओंकारा
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ओम जय शिव ओंकारा स्वामी हर शिव ओंकारा
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव ब्रह्मा विष्णु सदाशिव
अर्धांगी धारा ओम जय शिव ओंकारा
एकानन चतुरानन पंचांनन राजे स्वामी पंचांनन राजे
हंसानन गरुड़ासन हंसानन गरुड़ासन
वृषवाहन साजे ओम जय शिव ओंकारा
दो भुज चारु चतुर्भज दश भुज से सोहें स्वामी दश भुज से सोहें
तीनों रूप निरथते तीनों रूप निरथते
त्रिभुवन जन मोहें ओम जय शिव ओंकारा
अक्षमाला बनमाला मुंडमालाधारी स्वामी मुंडमालाधारी
चंदन मृदमग सोहें चंदन मृदमग सोहें
भाले शशिधारी ओम जय शिव ओंकारा
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघाम्बर अंगें स्वामी बाघाम्बर अंगें
सनकादिक ब्रह्मादिक सनकादिक ब्रह्मादिक
भूतादिक संगें ओम जय शिव ओंकारा
कर मे श्रेष्ठ कमड़ंल चक्र त्रिशूल धरता स्वामी चक्र त्रिशूल धरता
जगकर्ता जगहर्ता जगकर्ता जगहर्ता
जगपालनकर्ता ओम जय शिव ओंकारा
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका स्वामी जानत अविवेका
प्रणवाक्षर मे शोभित प्रणवाक्षर मे शोभित
ये तीनों एका ओम जय शिव ओंकारा
निरगुण शिवज की आरती जो कोई नर गावें स्वामी जो कोई नर गावें
कहत शिवानंद स्वामी कहत शिवानंद स्वामी
मनवांछित फल पावें ओम जय शिव ओंकारा
ओम जय शिव ओंकारा प्रभू हर शिव ओंकारा
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव ब्रह्मा विष्णु सदाशिव
अर्धांगी धारा ओम जय शिव ओंकारा
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Writer: CHANDRASHEKHAR SANEKAR, MEENA KHADIKAR
Copyright: Lyrics © Royalty Network


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