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Lata Mangeshkar - Tod De Tu Is Bandhan Ko Lyrics



Lata Mangeshkar - Tod De Tu Is Bandhan Ko Lyrics
Official




[ Featuring Asha Bhosle ]

तोड़ दे तोड़ दे
तोड़ दे तू इस बंधन को
तोड़ दे तू इस बंधन को
ये फ़र्ज़ नही दस्तूर नही
तोड़ दे तू इस बंधन को
ये फ़र्ज़ नही दस्तूर नही
तेरी माँग मे लगा हैं जो
एक दाग हैं वो सिंदूर नही
तोड़ दे तू इस बंधन को

बाँध ले बाँध ले
बाँध ले मन को इस बंधन मे
बाँध ले मन को इस बंधन मे
फ़र्ज़ हैं ये दस्तूर हैं ये
कौन मिटा सकता हैं इसको
रंग नही सिंदूर हैं ये
बाँध ले मन को इस बंधन मे
तोड़ दे तोड़ दे
बाँध ले मन को इस बंधन मे

जैसा भी हैं झूठ से
ये सच अच्छा हैं
जैसा भी हैं झूठ से
ये सच अच्छा हैं
मंगलसूत्र नही ये धागा कच्चा हैं
कचे धागे से बंध जाए तू इतनी मजबूर नही
तोड़ दे तू इस बंधन को
तोड़ दे तोड़ दे

इस धागे मे बँधी हज़ारो कसमे हैं
इस धागे मे बँधी हज़ारो कसमे हैं
टूट नही सकती ये जग की रस्मे हैं
तुझ पर लोग हसे ताने दे
क्या तुझको मंजूर हैं ये
बाँध ले मन को इस बंधन मे
फ़र्ज़ हैं ये दस्तूर हैं ये
कौन मिटा सकता हैं इसको
रंग नही सिंदूर हैं ये
बाँध ले मन को इस बंधन मे
तोड़ दे तोड़ दे

ब्याह नही ये धोखा हैं
पर अब क्या हो सकता हैं
मुझको कुछ भी याद नही
फिर भी तू आज़ाद नही
ये सब किसने देखा हैं
साख़्शी भाग्या की रेखा हैं
ये रेखा मिट सकती हैं
इसमे इतनी शक्ति हैं
कौन हैं तू, कौन हैं तू
क्या तेरा हैं, तेरा जीवन मेरा हैं
मैं तेरी ना मानूँगी
तुझे मैं बुजदिल जानूँगी हा हा हा
इस दुख से दिल चूर हैं ये
फ़र्ज़ हैं ये दस्तूर हैं ये
कौन मिटा सकता हैं इसको
रंग नही सिंदूर हैं ये
बाँध ले मन को इस बंधन मे
फ़र्ज़ हैं ये दस्तूर हैं ये
कौन मिटा सकता हैं इसको
रंग नही सिंदूर हैं ये
बाँध ले मन को इस बंधन मे
[ Correct these Lyrics ]

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तोड़ दे तोड़ दे
तोड़ दे तू इस बंधन को
तोड़ दे तू इस बंधन को
ये फ़र्ज़ नही दस्तूर नही
तोड़ दे तू इस बंधन को
ये फ़र्ज़ नही दस्तूर नही
तेरी माँग मे लगा हैं जो
एक दाग हैं वो सिंदूर नही
तोड़ दे तू इस बंधन को

बाँध ले बाँध ले
बाँध ले मन को इस बंधन मे
बाँध ले मन को इस बंधन मे
फ़र्ज़ हैं ये दस्तूर हैं ये
कौन मिटा सकता हैं इसको
रंग नही सिंदूर हैं ये
बाँध ले मन को इस बंधन मे
तोड़ दे तोड़ दे
बाँध ले मन को इस बंधन मे

जैसा भी हैं झूठ से
ये सच अच्छा हैं
जैसा भी हैं झूठ से
ये सच अच्छा हैं
मंगलसूत्र नही ये धागा कच्चा हैं
कचे धागे से बंध जाए तू इतनी मजबूर नही
तोड़ दे तू इस बंधन को
तोड़ दे तोड़ दे

इस धागे मे बँधी हज़ारो कसमे हैं
इस धागे मे बँधी हज़ारो कसमे हैं
टूट नही सकती ये जग की रस्मे हैं
तुझ पर लोग हसे ताने दे
क्या तुझको मंजूर हैं ये
बाँध ले मन को इस बंधन मे
फ़र्ज़ हैं ये दस्तूर हैं ये
कौन मिटा सकता हैं इसको
रंग नही सिंदूर हैं ये
बाँध ले मन को इस बंधन मे
तोड़ दे तोड़ दे

ब्याह नही ये धोखा हैं
पर अब क्या हो सकता हैं
मुझको कुछ भी याद नही
फिर भी तू आज़ाद नही
ये सब किसने देखा हैं
साख़्शी भाग्या की रेखा हैं
ये रेखा मिट सकती हैं
इसमे इतनी शक्ति हैं
कौन हैं तू, कौन हैं तू
क्या तेरा हैं, तेरा जीवन मेरा हैं
मैं तेरी ना मानूँगी
तुझे मैं बुजदिल जानूँगी हा हा हा
इस दुख से दिल चूर हैं ये
फ़र्ज़ हैं ये दस्तूर हैं ये
कौन मिटा सकता हैं इसको
रंग नही सिंदूर हैं ये
बाँध ले मन को इस बंधन मे
फ़र्ज़ हैं ये दस्तूर हैं ये
कौन मिटा सकता हैं इसको
रंग नही सिंदूर हैं ये
बाँध ले मन को इस बंधन मे
[ Correct these Lyrics ]
Writer: Laxmikant Pyarelal, ANANDSHI BAKSHI, ANAND BAKSHI, KUDALKAR LAXMIKANT, PYARELAL RAMPRASAD SHARMA
Copyright: Lyrics © Royalty Network




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