[ Featuring Mohammed Rafi ]
याद में तेरी जाग जाग के हम
रात भर करवटें बदलते हैं
हर घड़ी दिल में तेरी उल्फत के
धीमें धीमें चराग़ जलते हैं
जबसे तूने निगाह फेरी हैं
दिन है सुना, तो रात अंधेरी है
चाँद भी अब नज़र नहीं आता
अब सितारे भी कम निकलते हैं
याद में तेरी जाग जाग के हम
रात भर करवटें बदलते हैं
लूट गयी वो बहार की महफ़िल
छुट गयी हम से प्यार की मंज़िल
ज़िन्दगी की उदास राहों में
तेरी यादों के साथ चलते हैं
याद में तेरी जाग जाग के हम
रात भर करवटें बदलते हैं
तुझको पा कर हमें बहार मिली
तुझसे छुटकर मगर ये बात खुली
बागबां भी चमन के फूलों को
अपने पैरों से खुद मसलते हैं
याद में तेरी जाग जाग के हम
रात भर करवटें बदलते हैं
क्या कहें तुझसे क्यों हुई दूरी
हम समझते हैं अपनी मजबूरी
तुझको मालूम क्या के तेरे लिए
दिल के गम आँसुओं में ढलते हैं
याद में तेरी जाग जाग के हम
रात भर करवटें बदलते हैं
हर घड़ी दिल में तेरी उल्फत के
धीमें धीमें चराग़ जलते हैं