नज़रे तुझसे चुराकर भी तेरा दीदार करती है
नज़रे तुझसे चुराकर भी तेरा दीदार करती है
मेरी ये निगाहें तुझे याद सो बार करती है
ये बात तेरे दिल को गवारा हो या ना हो
ये बात तेरे दिल को गवारा हो या ना हो
मैं जानता हू तू भी मुझसे बेन्तेहा प्यार करती है
मैं जानता हू तू भी मुझसे बेन्तेहा प्यार करती है
अकेले बंद पलकों मे बस तेरा ही तस्सवुर करती हू
तेरी आहट भी सुन लू तो मैं धड़कन थाम लेती हू
क्यो मैं तुझे मेरे करीब हर पल महसूस करती हू
क्यो मैं तुझे मेरे करीब हर पल महसूस करती हू
तूने कैसे जाना की मैं भी तुझसे प्यार करती हू
तूने कैसे जाना की मैं भी तुझसे प्यार करती हू
सूरते हाल दोनो दिलों का एक जैसा है
एक शम्मा सी है तो दूसरा परवाने जैसा है
ये निगाहें निगाहों से इकरार करती है
मैं जानता हू तू भी मुझसे प्यार करती है
मैं जानता हू तू भी मुझसे प्यार करती है