चाँद भी है सितारे भी है बज़्म में
चाँद भी है सितारे भी है बज़्म में
जाने क्या राज़ है क्यूँ उजाला नही
छेड़ दी मैने दिल की ये बाते कहा
दिल की बाते कोई सुननेवाला नही
चाँद भी है सितारे भी है बज़्म में
देखके मुझको मूह फेर लेते है सब
मेरा चेहरा ग़रीबी का है इश्तिहा
देखके मुझको मूह फेर लेते है सब
मेरा चेहरा ग़रीबी का है इश्तिहा
अपने सर पे शिकायत अपनी रखे हुए
ठोकरे खाई दुनिया के आगे हज़ार
ठोकरे खाई दुनिया के आगे हज़ार
और किसीने भी बढ़के संभाला नही
दिल की बाते कोई सुननेवाला नही
चाँद भी है सितारे भी है बज़्म में
रात ढलती रही जश्न होता रहा
रात ढलती रही जश्न होता रहा
लोग हस्ते रहे कोई रोता रहा
शुक्रिया किस जूबा से अदा कीजिए
दिल में काटा ज़माना चूभोता रहा
दिल में काटा ज़माना चूभोता रहा
मुझको महफ़िल से लेकिन निकाला नही
दिल की बाते कोई सुननेवाला नही
चाँद भी है सितारे भी है बज़्म में
जाने क्या राज़ है क्यूँ उजाला नही
चाँद भी है सितारे भी है बज़्म में