सोना चाँदी झूठी दौलत सच्ची दौलत प्यार
सच्ची दौलत के दुश्मन सब झूठी के सब यार
आज इसकी भरी झोली तो कल उसकी भरेगी
दौलत ने वफ़ा की है कभी ओर ना करेगी
आज इसकी भरी झोली तो कल उसकी भरेगी
दौलत ने वफ़ा की है कभी ओर ना करेगी
नफ़रत की छुरी सीने पे धर देती है दौलत
नफ़रत की छुरी सीने पे धर देती है दौलत
भाई को जुड़ा भाई से कर देती है दौलत
दौलत के लिए अपनो का खून करता है इंसान
कुछ ऐसा ज़हर आँखो मे भर देती है दौलत
ये भूख है ऐसी जो मरी है ना मरेगी
दौलत ने वफ़ा की है कभी ओर ना करेगी
इंसान तू बना फिरता है दौलत का पुजारी
इंसान तू बना फिरता है दौलत का पुजारी
दिन रात तुझे रहती है दौलत की खुमारी
दौलत का सहारा ना बचा पाएगा तुझको
भगवान के इंसाफ़ की जब आएगी बारी
दौलत की हवस कल तुझे बर्बाद करेगी
दौलत ने वफ़ा की है कभी ओर ना करेगी
दौलत जिसे कहते है वो है धूप मे साया
साया जिसे कहते हैं कभी हाथ ना आया
इज़्ज़त भी गयी जान भी गयी नाम भी दुआ
दौलत के लिए तूने ये ईमान भी गवाया
दौलत के लिए तूने ये ईमान भी गवाया
दाता की दया है जो तेरे साथ रहेगी
दौलत ने वफ़ा की है कभी ओर ना करेगी
आज इसकी भरी झोली तो कल उसकी भरेगी
दौलत ने वफ़ा की है कभी ओर ना करेगी