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Chamatkar Prabhu Ne Dikhlaya Video (MV)




Performed By: Manna Dey
Length: 3:33
Written by: PRADEEP, PREM DHAWAN




Manna Dey - Chamatkar Prabhu Ne Dikhlaya Lyrics
Official




अरे जब धरती थी आग उगलती
गर्म हवाए जब थी चलती
ये चमत्कार प्रभु ने दिखलाया
एक किसान का भाग जगाया
अरे हो रहा जादू दाये बाये
चकित खड़ी है दसो दिशाए
ए निकली कुवे से जलधारा
वो धारा जो बनी फवारा
बंजर हो गये अब पानी पानी
क्या से क्या हो गयी कहानी
ए सचमुच होती, दुख के समय मे
सचमुच होती, दुख के समय मे
दाता की पहचान रे भाई
क्या किसान, क्या किसान और क्या भगवान
अपनी जगह दोनो है महान
इन दोनो पर टीका जहाँ
अपनी जगह दोनो है महान

अब सुनलो एक राज का किस्सा
अरे जो गुज़री उस बात का किस्सा
ए भोले भगत जी सोए हुए थे
सुख सपनो मे खोए हुए थे
इतने मे एक अनाज की बोरी
चल दी बाहर चोरी चोरी
प्रभु के आगे पीछे बोरी
जैसे चाँद के पीछे चकोरी

अरे खेल ये तारन हार का देखो
जादू उसके प्यार का देखो
अपने आप हल चलने लगे है
मेहनत के फल मिलने लगे है
बढ़ने लगा है खेत मे बीजा
हर एक पाता है ये नतीजा
आख़िर करनी काम मे आई
झूमा खेत फसल लहराई
झूमा खेत फसल लहराई
धन्य है ईश्वर धन्य किसाना
दोनो का जादू अब पहचाना
एक दया का सागर है तो
एक दया का सागर है
एक लोहे की चट्टान रे भाई
क्या किसान, क्या किसान और क्या भगवान
अपनी जगह दोनो है महान
इन दोनो पर टीका जहाँ
अपनी जगह दोनो है महान
अपनी जगह दोनो है महान
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अरे जब धरती थी आग उगलती
गर्म हवाए जब थी चलती
ये चमत्कार प्रभु ने दिखलाया
एक किसान का भाग जगाया
अरे हो रहा जादू दाये बाये
चकित खड़ी है दसो दिशाए
ए निकली कुवे से जलधारा
वो धारा जो बनी फवारा
बंजर हो गये अब पानी पानी
क्या से क्या हो गयी कहानी
ए सचमुच होती, दुख के समय मे
सचमुच होती, दुख के समय मे
दाता की पहचान रे भाई
क्या किसान, क्या किसान और क्या भगवान
अपनी जगह दोनो है महान
इन दोनो पर टीका जहाँ
अपनी जगह दोनो है महान

अब सुनलो एक राज का किस्सा
अरे जो गुज़री उस बात का किस्सा
ए भोले भगत जी सोए हुए थे
सुख सपनो मे खोए हुए थे
इतने मे एक अनाज की बोरी
चल दी बाहर चोरी चोरी
प्रभु के आगे पीछे बोरी
जैसे चाँद के पीछे चकोरी

अरे खेल ये तारन हार का देखो
जादू उसके प्यार का देखो
अपने आप हल चलने लगे है
मेहनत के फल मिलने लगे है
बढ़ने लगा है खेत मे बीजा
हर एक पाता है ये नतीजा
आख़िर करनी काम मे आई
झूमा खेत फसल लहराई
झूमा खेत फसल लहराई
धन्य है ईश्वर धन्य किसाना
दोनो का जादू अब पहचाना
एक दया का सागर है तो
एक दया का सागर है
एक लोहे की चट्टान रे भाई
क्या किसान, क्या किसान और क्या भगवान
अपनी जगह दोनो है महान
इन दोनो पर टीका जहाँ
अपनी जगह दोनो है महान
अपनी जगह दोनो है महान
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Writer: PRADEEP, PREM DHAWAN
Copyright: Lyrics © Royalty Network

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