नारायण तेरी लीला नवरस संगम
तेरी प्रेरणा से रचत है ये महाभारतम
महाभारतम
नारायण तेरी लीला नवरस संगम
तेरी प्रेरणा से रचत है ये महाभारतम
महाभारतम
मुनि श्राप से व्याकुल हुए पति पत्नी को
पुत्र कैसे प्राप्त हो बताया ऋषि ने
मुनि दुरवशा के बतलाए मंत्र से
हाँ आ आ आ आ
मुनि दुरवशा के बतलाए मंत्र से
पुत्र पाने का उपाय किया निपति ने
नारायण तेरी लीला नवरस संगम
तेरी प्रेरणा से रचत है ये महाभारतम
महाभारतम
कृष्णा से पहले बलराम ने ब्रज मे जनम लिया
इधर धर्म की कृपा से कुंती बनी पुत्र की मैया
ये शुभ बाटा सुन गांधारी क्रोधित बहुत हुई
अपने गर्भ पर हाथ मार के वो मुरछित हो गयी
मंत्र शक्ति से गर्भ पिंड की, व्यास मुनि ने रक्षा की
सौ पात्रो मे बाँट उसे कौरवो की रचना की
कुंती ने पूजा वायु देव को
तो पुत्र भीम हुए उनके गर्भ से तो
प्रथम पात्र मे आए कलयुग तो
हुआ सूत गांधारी के गर्भ से
हुआ सूत गांधारी के गर्भ से