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Manna Dey - Shant Saki Ho Ab Tak Lyrics



Manna Dey - Shant Saki Ho Ab Tak Lyrics
Official




शान्त सकी हो, अब तक साक़ी
शान्त सकी हो, अब तक साक़ी पी कर किस उर की ज्वाला
और और की रटन लगाता
और और की रटन लगाता, जाता हर पीने वाला
कितनी इच्छायें हर्जाने वाला, छोड़ यहाँ जाता
कितने अरमानों की बन कर कब्र खड़ी है मधुशाला
कितने अरमानों की बन कर कब्र खड़ी है मधुशाला
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शान्त सकी हो, अब तक साक़ी
शान्त सकी हो, अब तक साक़ी पी कर किस उर की ज्वाला
और और की रटन लगाता
और और की रटन लगाता, जाता हर पीने वाला
कितनी इच्छायें हर्जाने वाला, छोड़ यहाँ जाता
कितने अरमानों की बन कर कब्र खड़ी है मधुशाला
कितने अरमानों की बन कर कब्र खड़ी है मधुशाला
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Writer: Jaidev, Rai Dr Harivansh Bachchan
Copyright: Lyrics © Royalty Network

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