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Mitali Singh - Khat Usko Baar Baar Lyrics



Mitali Singh - Khat Usko Baar Baar Lyrics
Official




आ आ आ आ आ आ आ ना आ
दोनों ही घर हैं आपके, खुद फैसला करों
दोनों ही घर हैं आपके, खुद फैसला करों
दिल में रहा करों या नजर में रहा करों (वाह, क्या बात है)

बोहोत बढ़िया बोहोत खूब, दिल मे रहा करो

ख़त उसको बार बार लिखों, इल्तिजा करों
ख़त उसको बार बार लिखों, इल्तिजा करों (वाह, वाह)
फिर भी ना आए वो तो खुद़ा से दुआ करों
ख़त उसको बार बार लिखों, इल्तिजा करों
फिर भी ना आए वो तो खुद़ा से दुआ करों
ख़त उसको बार बार लिखों, इल्तिजा करों

क्या जाने साथ छोड़ दे, ये ज़िन्दगी कहाँ
क्या जाने साथ छोड़ दे, ये ज़िन्दगी कहाँ
क्या जाने साथ छोड़ दे, ये ज़िन्दगी कहाँ
हँसते हुए ज़माने में सबसे मिला करों (ओ हो हो)
हँसते हुए ज़माने में सबसे मिला करों
ख़त उसको बार बार लिखों, इल्तिजा करों

नाजुक बहुत हैं दिल, इसे रखना संभाल कर
नाजुक बहुत हैं दिल, इसे रखना संभाल कर
नाजुक बहुत हैं दिल, इसे रखना संभाल कर
हर अजनबी नजर से ना रिश्ता किया करों (ओ हो हो)
हर अजनबी नजर से ना रिश्ता किया करों
ख़त उसको बार बार लिखों, इल्तिजा करों

ये सोच तो कहीं का ना रखेगी ऐ कतिल
ये सोच तो कहीं का ना रखेगी ऐ कतिल
ये सोच तो कहीं का ना रखेगी ऐ कतिल
खाबों की रोज रोज, ना चादर बुना करों
खाबों की रोज रोज, ना चादर बुना करों
ख़त उसको बार बार लिखों, इल्तिजा करों
फिर भी ना आए वो तो खुद़ा से दुआ करों
ख़त उसको बार बार लिखों, इल्तिजा करों
ख़त उसको बार बार लिखों, इल्तिजा करों
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आ आ आ आ आ आ आ ना आ
दोनों ही घर हैं आपके, खुद फैसला करों
दोनों ही घर हैं आपके, खुद फैसला करों
दिल में रहा करों या नजर में रहा करों (वाह, क्या बात है)

बोहोत बढ़िया बोहोत खूब, दिल मे रहा करो

ख़त उसको बार बार लिखों, इल्तिजा करों
ख़त उसको बार बार लिखों, इल्तिजा करों (वाह, वाह)
फिर भी ना आए वो तो खुद़ा से दुआ करों
ख़त उसको बार बार लिखों, इल्तिजा करों
फिर भी ना आए वो तो खुद़ा से दुआ करों
ख़त उसको बार बार लिखों, इल्तिजा करों

क्या जाने साथ छोड़ दे, ये ज़िन्दगी कहाँ
क्या जाने साथ छोड़ दे, ये ज़िन्दगी कहाँ
क्या जाने साथ छोड़ दे, ये ज़िन्दगी कहाँ
हँसते हुए ज़माने में सबसे मिला करों (ओ हो हो)
हँसते हुए ज़माने में सबसे मिला करों
ख़त उसको बार बार लिखों, इल्तिजा करों

नाजुक बहुत हैं दिल, इसे रखना संभाल कर
नाजुक बहुत हैं दिल, इसे रखना संभाल कर
नाजुक बहुत हैं दिल, इसे रखना संभाल कर
हर अजनबी नजर से ना रिश्ता किया करों (ओ हो हो)
हर अजनबी नजर से ना रिश्ता किया करों
ख़त उसको बार बार लिखों, इल्तिजा करों

ये सोच तो कहीं का ना रखेगी ऐ कतिल
ये सोच तो कहीं का ना रखेगी ऐ कतिल
ये सोच तो कहीं का ना रखेगी ऐ कतिल
खाबों की रोज रोज, ना चादर बुना करों
खाबों की रोज रोज, ना चादर बुना करों
ख़त उसको बार बार लिखों, इल्तिजा करों
फिर भी ना आए वो तो खुद़ा से दुआ करों
ख़त उसको बार बार लिखों, इल्तिजा करों
ख़त उसको बार बार लिखों, इल्तिजा करों
[ Correct these Lyrics ]
Writer: BHUPENDER SINGH, QATEEL RAJASTHANI
Copyright: Lyrics © Royalty Network

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