हक़ मांगते है अपने पसीने का
अधिकार हमें भी है जीने का
हक़ मांगते है अपने पसीने का
अधिकार हमें भी है जीने का
हक़ मांगते है अपने पसीने का
तुम लाख अमीरो ऐश करो
हम देख तुम्हे कब जलते है
हम देख तुम्हे कब जलते है
साये में तुम्हारे महलो के
लेकिन कितने गम पलते है
देखो तो नज़ारा आके कभी
गम खाने आँसू पीने का
हक़ मांगते है अपने पसीने का
अधिकार हमें भी है जीने का
हक़ मांगते है अपने पसीने का
मेहनत पे हमारी ही तुमने
ये शीशमहल है खड़ा किया
ये शीशमहल है खड़ा किया
तुम जिनको छोटा कहते हो
इन छोटो ने तुमको बड़ा किया
क्यों साल के पीछे चुभता है
फिर बोनस एक महीने का
हक़ मांगते है अपने पसीने का
अधिकार हमें भी है जीने का
हक़ मांगते है अपने पसीने का
तुम खुद भी जियो और जीने दो
है मांग यही मज़दूरों की
है मांग यही मज़दूरों की
इन्साफ करो इन्साफ़ करो
अब आह न लो मज़दूरों की
शोला न कही बनकर भड़के
अब तक जो धुआँ है सीने का
हक़ मांगते है अपने पसीने का
अधिकार हमें भी है जीने का
हक़ मांगते है अपने पसीने का
अधिकार हमें भी है जीने का
हक़ मांगते है अपने पसीने का