अजी क़िब्ला मोहतरमा कभी शोला कभी नगमा
इस आप के अंदाज़ का हाय क्या कहना
अजी क़िब्ला मोहतरमा कभी शोला कभी नगमा
इस आप के अंदाज़ का हाय क्या कहना
अजी क़िबला मोहतरमा कभी शोला कभी नगमा
उफ़ यह गुस्सा काली आँखें हो रही है गुलाबी
आप की तो यह अदा है और किसी की खराबी
अरे रे मैंने तुम्हे देखा सिर्फ देखा मानिये कहना
मैंने तुम्हे देखा सिर्फ देखा मानिये कहना
अजी क़िब्ला मोहतरमा कभी शोला कभी नगमा
इस आप के अंदाज़ का हाय क्या कहना
अजी क़िब्ला मोहतरमा कभी शोला कभी नगमा
आरज़ू थी चाँद लम्हे यूं ही चलते फिरते
बेतक़ल्लुफ़ होक तुमसे चाँद बातें करते
अरे रे तुम जो हसीं थे दिल ने चाहा साथ ही रहना
तुम जो हसीं थे दिल ने चाहा साथ ही रहना
अजी क़िब्ला मोहतरमा कभी शोला कभी नगमा
इस आप के अंदाज़ का हाय क्या कहना
अजी क़िब्ला मोहतरमा कभी शोला कभी नगमा