अपना है तू बेगाना नहीं मैंने तुझे पहचाना नहीं
अपना है तू बेगाना नहीं मैंने तुझे पहचाना नहीं
ये सच हैं अफ़साना नहीं मैंने तुझे पहचाना नहीं
आँखें न जाने दिल जानता है
रंग लहू का लहू पहचानता है
रंग लहू का लहू पहचानता है
ये पर्दा उठ जाये शायद याद आ जाये
रुक जा जरा अभी जाना नहीं
मैंने तुझे पहचाना नहीं
मैंने तुझे पहचाना नहीं
जब देखूँ तुझको लगता है ऐसे
तू मेरे दिलका कोई टुकड़ा है जैसे
तू मेरे दिलका कोई टुकड़ा है जैसे
बाते हैं बेगानी नज़रें हैं अन्जानी
चेहरा मगर अन्जाना नहीं
मैंने तुझे पहचाना नहीं
मैंने तुझे पहचाना नहीं
बस ख़त्म होती है ये कहानी
में दे चला हूँ तुझे अपनी निशानी
में दे चला हूँ तुझे अपनी निशानी
दिल को ना तड़पाना मुझको भूल ना जाना
लेकिन मुझे याद आना नहीं
तूने मुझे पहचाना नहीं
अपना हु में बेगाना नहीं
तूने मुझे पहचाना नहीं
ये सच हैं अफ़साना नहीं
तूने मुझे पहचाना नहीं
तूने मुझे पहचाना नहीं