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Apni Azadi Ko Hum [Remix] Video (MV)




Performed By: Mohammed Rafi
Featuring: Pratik Gadre
Length: 2:36
Written by: Naushad, Shakeel Badayuni




Mohammed Rafi - Apni Azadi Ko Hum [Remix] Lyrics
Official




[ Featuring Pratik Gadre ]

अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं
अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं
सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं
सर झुका सकते नहीं
अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं
सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं
सर झुका सकते नहीं

We are concerned that this war in India
Is going to be the last creator of war in this part of the world
Thing I do not know how many of us
Who are going to participate in the coming matter
Will survive to see India free
But whether we survive or not
Whether we individually live to see India free or not
We are confident that India shall be free (shall be free)

हमने सदियों में ये आज़ादी की नेमत पाई है
हमने ये नेमत पाई है
सैकड़ों क़ुरबानियाँ देकर ये दौलत पाई है
हमने ये दौलत पाई है
मुस्कराकर खाई हैं सीनों पे अपने गोलियाँ
सीनों पे अपने गोलियाँ
कितने वीरानों से गुज़रे हैं तो जन्नत पाई है
ख़ाक में हम अपनी इज़्ज़त को मिला सकते नहीं
अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं

We are confident that unlimited peril will be wiped out of India
We are confident that the balance now hangs over East Asia
Will be freedom to move once for all
[ Correct these Lyrics ]

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अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं
अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं
सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं
सर झुका सकते नहीं
अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं
सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं
सर झुका सकते नहीं

We are concerned that this war in India
Is going to be the last creator of war in this part of the world
Thing I do not know how many of us
Who are going to participate in the coming matter
Will survive to see India free
But whether we survive or not
Whether we individually live to see India free or not
We are confident that India shall be free (shall be free)

हमने सदियों में ये आज़ादी की नेमत पाई है
हमने ये नेमत पाई है
सैकड़ों क़ुरबानियाँ देकर ये दौलत पाई है
हमने ये दौलत पाई है
मुस्कराकर खाई हैं सीनों पे अपने गोलियाँ
सीनों पे अपने गोलियाँ
कितने वीरानों से गुज़रे हैं तो जन्नत पाई है
ख़ाक में हम अपनी इज़्ज़त को मिला सकते नहीं
अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं

We are confident that unlimited peril will be wiped out of India
We are confident that the balance now hangs over East Asia
Will be freedom to move once for all
[ Correct these Lyrics ]
Writer: Naushad, Shakeel Badayuni
Copyright: Lyrics © Royalty Network


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